“महिलाएं एक दूसरे को सपोर्ट करें तो जग जीत सकती हैं”- मोनिका वर्मा, आयुक्त नगर पालिका निगम रिसाली
स्मारिका “प्रत्यावर्तन” का विमोचन संपन्न
बुधवार को स्वयंसिद्धा एवं ऑफिसर्स एसोसिएशन भिलाई के संयुक्त तत्वाधान मे प्रगति भवन सिविक सेंटर मे आयोजित एक सादे एवं गरिमामय समारोह मे विमोचन किया गया स्वयंसिद्धा ए मिशन विद ए विजन समूह की पहली स्मारिका “प्रत्यावर्तन” का
मुख्य अतिथि थी मोनिका वर्मा,आयुक्त, नगर पालिका निगम रिसाली थी एवं कार्यक्रम अध्यक्ष थे डॉ. परदेशी राम वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार थे। विशिष्ट अतिथि थे श्री परविंदर सिंह,महासचिव,ऑफिसर एसोसिएशन,भिलाई इस्पात संयंत्र,
डॉ. सुधीर शर्मा, साहित्यकार एवं प्रकाशक, डॉ. रजनी नेल्सन, शिक्षा विद एवं पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, धर्मेंद्र भगत, पार्षद वार्ड 23 रिसाली, विजय वर्तमान वरिष्ठ साहित्यकार, अमिताभ भट्टाचार्य, स्वच्छता दूत एवं समाजसेवी व मदन सेन समाजसेवी।
माता सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण व पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। शीला प्रकाश ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि मोनिका वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि लोग अपनी बेटियों की शिक्षा पर यदि ध्यान दें तो इस देश में नारी सम्मान और स्त्रियों के प्रति माहौल निश्चित रूप से बदलेगा। स्वयंसिद्धा का कार्य पिछले कुछ महीनो से लगातार देख रही हूं। यह अद्भुत महिलाओं का अभिनव समूह है जो दूसरों को सम्मान देते हुए उनको बेहतर जीवन के लिए मदद कर रही है।
अध्यक्ष डॉ.परदेशी राम वर्मा ने कहा कि संगठित होकर कार्य करना महत्वपूर्ण है और यह हर किसी के द्वारा संभव नहीं हो पाता है।स्वयंसिद्धा संगठन ने साबित किया है कि महिलाएं संगठित होकर समाज को नई दिशा दे सकती है। साहित्यकार विजय वर्तमान जी ने कहा कि स्वयंसिद्धा की नाना विद गतिविधियों से पता चलता है कि वह अपनी पुरातन पारंपरिक नकारात्मक छवि की केंचुली को उतार कर बृहत्तर समाज के लिए अपनी बहुआयामी गतिविधियों द्वारा सिद्ध कर रही है कि वह आधी नहीं अपितु पूरी दुनिया है।
डॉ.सुधीर शर्मा ने कहा स्वयंसिद्धा ने स्वयं सिद्ध कर दिया है कि वह सैकड़ो ऐसी मातृ शक्तियों की आवाज है जो होम मेकर है। सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकारों और मानव प्रेम का यह पुनीत अभियान सदियों तक चलता रहे।
परविंदर सिंह ने कहा कि ऑफिसर्स एसोसिएशन लगातार प्रयास कर रहा है कि इस्पात संयंत्र के हर एक कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी बढ़े।स्वयंसिद्धा के कार्य प्रशंसनीय है।
अमिताभ भट्टाचार्य ने कहा कि स्वयंसिद्ध अपनी लाइट एंड साउंड शोज़ के द्वारा जो सामाजिक सरोकार के संदेश देती है वह अभूतपूर्व होते हैं। ‘भिलाई की बहू’ अभियान से भी उन्होंने यह साबित कर दिया था
स्वयंसिद्धा को चार समूह में बांटा गया है अपराजिता,विश्वरूपा,तेजस्विनी, स्वस्तिका एवं जागृति। प्रत्येक समूहों वर्ष भर अपनी अनेक गतिविधियों से सभी महिलाओं को आत्मविश्वास से परिपूर्ण बनाने का कार्य लगातार करते हैं।
सीमा कनोजे एवं रीता वैष्णव ने सालाना रिपोर्ट प्रस्तुत किया।
वर्ष 2022 के बेस्ट समूह का रनिंग शील्ड स्वस्तिका समूह को प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। जो समाज की विसंगतियों के साथ आने वाले सकारात्मक समय को दर्शा रही थी।
विश्वरूपा समूह द्वारा नारी शक्ति के नृत्य नाटिका का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसका निर्देशन रूमा दे ने किया था। सह कलाकार थे
रत्ना दुफारे,देबजानी मजुमदार,रेणु पांडे,अर्चना सेनगुप्ता,रुखसाना शेख।
तेजस्विनी समूह द्वारा
नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसका निर्देशन संगीता जायसवाल ने किया एवं सह कलाकार थे शीला प्रकाश,
वंदना नाडमवार,राजश्री नायर, ममता बिसवाल,
सरोज तहेंगुरिया व सुशीला साहू।
स्वास्तिका समूह गीत प्रस्तुत किया रीता वैष्णव,गीता चौधरी,लक्ष्मी साहू,डॉ पूर्णिमा लाल,ज्योति गाधीं,डाँ नीता तिवारी,काकोली चौधरी,शांति साहू,उत्तरा मेश्राम, नमिता त्रिपाठी ने।
मीरा लखेरा ने ‘बेख़ौफ़ जीना है मुझे’ थीम पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। ममता बिस्वाल, वैशाली संतोष,सुशीला साहू व बिंदु नायक ने बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुति दी।
वीणा द्विवेदी पांडे ने ढोलक की थापों के साथ पारंपरिक लोकगीत प्रस्तुत कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।
संस्था की संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ.सोनाली चक्रवर्ती ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए गत 20 वर्षों की कार्यों की जानकारी दी एवं अतिथियों का सम्मान किया।
शीला प्रकाश,वंदना नाडंबर,देबजानी मजूमदार, रूमा दे, राजश्री नायर, रीता वैष्णव, सरोज तहेँगुरिया,सीमा कनोजे, मेनका वर्मा, राजकुमारी कनोजे, कुदसिया अली, उमा उपाध्याय, रीमा देव, अर्चना सेनगुप्ता, सुदेशना वर्धन, सुधा चंद्रन, डॉ. मिता दे, सुदेशना सेनगुप्ता, सोमाली शर्मा, प्रशांत श्रीवास्तव,आदि का विशेष सहयोग रहा।