दया सिंह ने किया जंगीय प्रदर्शन: भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का आरोप लगाकर मेयर के खिलाफ किया प्रदर्शन- दया सिंह ने 20 से ज्यादा बिंदुओं पर रखी बात…-
दया सिंह ने अल्टीमेटम दिया है कि पुराने काम को क्लियर करें…भिलाई। शहर में समस्याओं का अंबार है। लोग परेशान हैं। जनता त्रस्त होकर थक गई है। नगर निगम भिलाई में कांग्रेस की शहर सरकार है। जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। अधिकारी-कर्मचारी ये समझ ही नहीं पा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आ गई है, कांग्रेस सरकार की मानसिकता छोड़नी होगी।। कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार, लूट आम हो गई थी। जनता परेशान होकर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाई है। लेकिन नगर निगम भिलाई में समस्याओं का पुलिंदा है। जिस पर कोई अधिकारी काम नहीं रहा है। अगर निम्न समस्याओं का समाधान बिना देरी किए नहीं किया गया तो आगे और उग्र आंदोजन होगा।ये बातें भाजपा नेता व नगर निगम भिलाई के उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह ने कही है।
दरअसल, इससे पहले भी इन तमाम समस्याओं के निपटारे के लिए मुलाकात हुई थी। लेकिन स्थिति जस की तस है। दया सिंह ने अपने साथियों के साथ अल्टीमेटम दे दिया है।इस दौरान. पार्षद लक्ष्मी साहू, सरिता साहू ,वीना चंद्राकर, सत्या देवी जयसवाल,जलधर सिंह, राजू शैलजा, परिंका साहू, लक्ष्मी दिवाकर, संजयसिंह, संतोष ,इशमिता दोहरे, चनदेशवरि बन्दे, इशवरी.नेताम, शकुंतला साहू विनोद चेलक महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष शिवटि कोशिश,धर्मेंद्र पांडे प्रभा कुशवाहा, मंजू मिस्र ,सविता सोनी, विनोद देवगण, मुकेश शर्मा, राकेश प्रसाद, विनोद गुप्ता,प्रमोद सिंह ,प्रशांत कुमार, रवि निगम, राज कुमार यादव, पवन मिश्रा एवं हज़ारों कार्यकर्ता मौजूद रहें।इन बिंदुओं पर धरना..
.1. श्री पब्लिकेशन को तत्काल प्रभार से हटाया जाए: नगर निगम भिलाई की आर्थिक हालत खराब है। करोड़ों रुपए का टैक्स वसूली बचा है। एजेंसी ठीक से काम ही नहीं कर रहा है। शहर के जिम्मेदार नागरिक जो खुद से टैक्स जमा करते हैं। उस पर भी एजेंसी को कमिशन दिया जा रहा है। अफसर उसपर मेहरबान? एजेंसी को तत्काल हटाया जाए। निगम खुद टैक्स की वसूली करें। निगम टैक्स काउंटरों में जमा राशि और एजेंसी से डोर-टू-डोर वसूली की गई, राशि का हिसाब निकाले और एजेंसी को दिए गए कमिशन से वसूली की जाए।2. 4% कमीशनखोरी बंद हो: निगम में कमीशनखोरी बंद किया जाए। निगम में सिविल वर्क हो या सफाई का ठेका हर काम में कमीशन खोरी चल रहा है। प्रशासन और शहर सरकार को कमीशन देने के चक्कर में ठेकेदार भी 20, 25, 30 प्रतिशत एबब रेट भर रहे हैं। इससे ठेकेदार और अधिकारी तो लाल हो रहे है पर आर्थिक हालत निगम की खराब हो रही है। एकल खिड़की 18 प्रतिशत कमिशन एकमुत लिया जा रहा है। प्रशासनिक अफसरों ने 1 से बढ़ाकर दो और अब दो से 6 प्रतिशत कमिशन बढ़ा चुके है।3. सालों से जमे अधिकारी-कर्मचारी बदले: निगम में बिना चायपानी का खर्चा दिए कोई काम नहीं होता। राशन कार्ड, गुमास्ता, जन्म-मृत्यु, शादी आदि प्रमाण पत्र बनाने से लेकर हर काम के लिए चाय-पानी देना पड़ता है। इसके बिना कोई काम नहीं करता। सबसे ज्यादा राजस्व, संपदा, स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी है। ऐसे सभी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों इंजीनियरों का विभाग, टेबल व जोन बदला जाए। सालों से सभी एक जगह जमे हैं।4. सिटी बस शुरू की जाए: शहर की परिवहन व्यवस्था बेहतर हो। इस पर काम की जरूरत है। प्रशासन अपनी नियत सार्वजनिक करें। तीन माह में सभी 69 बस को बनाकर चलाना था, लेकिन दो साल हो गए। एक बस नहीं चल रही है। डिपो में करोड़ों की बसें कंडम है। कंकाल बन गए है, इंजन, टायर, सीट, कैमरे, पूर्जे-पूर्जे चोरी हो चुके है। कहां गया। जिसने चोरी किया। निगम अफसरों भी शामिल है, नहीं है तो एफआईआर क्यों नहीं कराए। एजेंसी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे। कबतक बस चलेगी ?ये समस्या जस की तस, दया सिंह ने फिर से कराया ध्यानाकर्षण…*- टाउनशिप को छोड़ दें तो शहर के अन्य इलाकों खम्हरिया, कोहका, कुरुद, वैशालीनगर, कैंप, छावनी और खुर्सीपार में पेयजल संकट गहरा गया है। टैंकर से इन वार्डों में पेयजल आपूर्ति करें। भविष्य के लिए कार्ययोजना बनाकर काम करें।- सफाई कार्य में जुटे मजदूरों के साथ शोषण भी हो रहा है। उनका पीएफ , ईएसआईसी नहीं काटा जा रहा है। मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।- शहर की अंदरूनी सड़कों का बुरा हाल है। जगह-जगह गड्ढे है, जहां चलना दूभर हो गया है। उन सड़कों का निर्माण किया जाए।- खुर्सीपार क्षेत्र में पानी के लिए संपवेल की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि सप्लाई प्रॉपर नहीं हो रही है।- खुर्सीपार में बिजली कटौती भारी हो रही है। इसका समाधान निगम प्रशासन को करना चाहिए।- खुर्सीपार में बिजली कटौती भारी हो रही है। इसका समाधान निगम प्रशासन को करना चाहिए।- कैंप में पेयजल संकट है। अमृत मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने के बावजूद पानी घर तक नहीं पहुंचा है। जो संकट है।- छावनी में कैमिकल युक्त गंदे पानी की आपूर्ति संपवेल से हो रही है। उन संपवेलों को बंद कर पाइप लाइन बिछाई जाए।- सुपेला रोड की स्ट्रीट लाइट बंद है। जबकि, सौंदर्यीकरण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए।- शहर में अवैध प्लॉटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। लोगों की गाढ़ी पूंजी को जमीन माफिया हथिया रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शहर में कितने अवैध प्लॉटिंग एरिया है। इसकी पहचान होनी चाहिए।- हुडको, वैशालीनगर, शांतिनगर और कैंप-खुर्सीपार में सीवरेज लाइन की बड़ी समस्या है। इसका समाधान आवश्यक है। क्योंकि, सालों पूर्व कॉलोनियों में सीवरेज पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया।- श्रमिक बस्ती और आउटर के वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए। इसके लिए निगम को देरी नहीं करना चाहिए। यह आवश्यक चीज है। इससे अपराध पर अंकुश लगेगा।- शहर के उद्यानों का बुरा हाल है। मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से उजाड़ पड़ा हुआ है। शहर के सभी सेक्टर और वार्डों में उजाड़ पड़े गॉर्डनों का मेंटेनेंस बिना देरी किए शुरू करना चाहिए।- प्रॉपर्टी टैक्स की जो छूट उद्योगपतियों को दी गई है। वही छूट शहर के गरीब और श्रमिक इलाकों में रहने वाले गरीब जनता को भी देनी चाहिए। इससे भेदभाव साफ झलक रहा है। जो ठीक नहीं है।- टाउनशिप के सेक्टरों में सफाई बुरा हाल है। डेंगू जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है। अगर वहां सफाई नहीं सुधारी गई तो हालात मुश्किल हो जांएगे। बीएसपी की सफाई का जिम्मा निगम खुद अपने ऊपर लें।- नगर निगम भिलाई की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में कर्मियों को समय पर मानदेय नहीं मिल रहा है। इसलिए व्यवस्था दुरूस्त की जाए, जिससे कर्मियों को भुगतान में देरी न हो। क्योंकि, निगम कर्मियों की वजह से ही निगम काम करेगा।- सड़क, नाली और सफाई व पानी जैसे विषयों पर काम करने के लिए अलग से सेल का गठन हो। अलग से समिति बनाई जाए। इस समिति में भाजपा पार्षदों को भी रखा जाए। जिससे सुचारू रूप से तर्क दिया जा सके।भवदीयदया सिंहउपनेता प्रतिपक्षनगर निगम भिलाई पार्षद वार्ड 4